तुम हो गुलाब का फूल सतगुरु मेरे।
Tag: Fulbagiya chalo sakhi phool
चली आइयो सखियां सारी, वंशीवट पे।
मेरी बगिया के दो फूल प्यारे प्यारे,
क्या चढ़ाऊं में भोले पर,फूल नहीं मेरा दिल है
बना है फूलों का मंदिर, कहीं वह बिखर ना जाए
अपना दहिया तू उतार, गोरी ना जा जमुना पार
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता पत्ता श्याम बोलदा
फुलबगिया चलो सखी फूल चुन लावे
सखी माता के मेला में, में तो डटगी।
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।
You must be logged in to post a comment.