मोहन मुरारी बने मनिहारी,नर से नारी बने नंदलाला
Tag: म्हारी अंखियां में पड़गी रे गुलाल कन्हैया
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ।
दूध छटी को याद दिलाऊँ,अइयो सावरे।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।
मोहन मुरारी बने मनिहारी,नर से नारी बने नंदलाला
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ।
दूध छटी को याद दिलाऊँ,अइयो सावरे।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी।