मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
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राम और लक्ष्मण दशरथ के बेटे दोनों बण खंड जाय
हेजी कोई राम मिलै भगवान।
राम करते रुदन निर भर के नयन, तीर मारा। हाय हाय मेरा लक्ष्मण प्यारा।
राम घर आया शबरी,
करे है बधावना,
सपना में देख्यो रे म्हाने,
श्याम धणी दातार,
जब जाना जनकपुर राम हमारी गली होकर के जाना।
सेवा में गुजरे,
वक्त हनुमान का,
ऐसा है सेवक श्री राम का,
श्री राम का,
जिसको राम नाम रटना पसन्द है,
श्री राम के सच्चे सेवक,
करे शत शत तुम्हे प्रणाम,
कैसो खेल रच्यो मेरे दाता,
जित देखू उत तू ही तू,
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