म्हारे मन में बस गई रे सुरतिया श्याम तेरी,
Tag: jab surat dekhu bhole ki
कैसो खेल रच्यो मेरे दाता,
जित देखू उत तू ही तू,
बिन पिये नशा हो जाता है।जब सूरत देखू भोले की,
म्हारे मन में बस गई रे सुरतिया श्याम तेरी,
कैसो खेल रच्यो मेरे दाता,
जित देखू उत तू ही तू,
बिन पिये नशा हो जाता है।जब सूरत देखू भोले की,