सुनो श्याम क्यों तुम लगाते हो काजल,
हमरी नजर बेअसर हो रही है,
Tag: Darwar tumhara shyam
महीनो फागण को रंगीलो,
बाबो श्याम बुलावे रे,
महीनो फागण को।।
कदे रहवे ना म्हारे टोटो,एसो है म्हारो यो सेठ मोटो।
आता रहूं दरबार भोलेनाथ,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार भोलेनाथ,
खाटू वाले श्याम तेरा, सच्चा दरबार है,
तेरी जय जयकार बाबा, तेरी जय जयकार है।
रमते रावल ने म्हारा,
आदेश देणा,
देखो प्यारे श्याम का ये दरबार है,
हर भगतो का होता बेडा पार है,
तेरे दरबार में सर झुकाती रहूं ।
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।
जाना जब भी श्याम दरबार,
शुकर हर बार करना,
तुम ही मेरी है मोहब्बत तू ही मेरी चाहत है।
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