सावन को महीनो, मन में उठे हिलोर।
Tag: dadi chunariya thari chamcham chamke
गाजे-बाजे से पधारो दादी आज, उड़ीके थारा टाबरिया।
दादी चुनरिया थारी चमचम चमके
सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई
सावन को महीनो, मन में उठे हिलोर।
गाजे-बाजे से पधारो दादी आज, उड़ीके थारा टाबरिया।
दादी चुनरिया थारी चमचम चमके
सरब सुहागन मिल मंदीरिए में आई