तर्ज – बाबा की किरपा जिसपे हो जाए
दादी का मंगल, रोज करोगे,
मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी जी ध्यान देगी, हाथों को थाम लेगी।मौज करोगे, मौज. करोगे,
पाटे पे दादी की, फोटो लगाओ,
टीका लगाओ, पुष्प चढ़ाओ,
धूप-दीप से, वंदन करोगे।।मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी का मंगल, रोज करोगे,
मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी जी ध्यान देगी, हाथों को थाम लेगी।मौज करोगे, मौज. करोगे,
सुबह करो चाहे, शाम को करना,
मौका मिले जब, गुणगान करना,
उत्तम घड़ी वो ही, जब भी करोगे।मौज करोगे, मौज करोगे,
दादी का मंगल, रोज करोगे,
मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी जी ध्यान देगी, हाथों को थाम लेगी।मौज करोगे, मौज करोगे,
नवमी तिथि हो, या मंगल वार हो,
मावस को मैया का, ये मंगलाचार हो,
शुद्धिसफाई का, ध्यान धरोगे।।मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी का मंगल, रोज करोगे,
मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी जी ध्यान देगी, हाथों को थाम लेगी।मौज करोगे, मौज. करोगे,
पाठ के बीच में, आसन ना छोड़ो,
दादी के चरणों से, नाता तुम जोड़ो,
हर्ष, कहे मन से, मंगल करोगे।।मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी का मंगल, रोज करोगे,
मौज करोगे, मौज. करोगे,
दादी जी ध्यान देगी, हाथों को थाम लेगी।मौज करोगे, मौज. करोगे,