चोरी माखन की दे छोड़ कन्हीया मैं समझाऊँ तोय,
Tag: Bhaj man krishna kanhaiya
मेरे उठे जिगर मे पीर कन्हैया तेरी याद में,
कानूड़ा का दिल लूट ले गई गुजरी।
कन्हैया तेरी मेहरबानी रहे,
जब तलक ये मेरी जिंदगानी रहे,
जिसने कृष्ण कृष्ण टेरया,फेरी मन की माला,
मैं तो दौड़ी आयी जमुना के तीर कन्हैया तेरी बंसी बजी।
कन्हैया तोसे नैन मिलाकर,तेरी दीवानी हो गई।
कान्हा न चाहिए बैकुंठ जन्म मोहे ब्रज में दियो रे
होले होले बांसुरी बजायियो रे कन्हैया,राधा झूलने आई रे,
कान्हा कान्हा कब से पुकारू हर पल तोरी राह को निहारु,
You must be logged in to post a comment.