सुन मेरे कान्हा,
ज़रा ये बताना,
खफा हमसे तू क्यूँ हो गया,
Tag: Bhaj man krishna kanhaiya
भजो मन राम सिया,जपो मन राम सिया,हरी ने जनम लिया
रुकमणी के पति श्री कृष्णा,वो तो मुरली बजाते मिलेंगे।
तू ही कन्हैया तू ही लखदातार है,
में तो तेरे संग चलूंगी थाम ले मोरी बैया, हो जरा ठहर जा कन्हैया,
मटकी फोड़ी कन्हैया ने, दाऊ बलदाऊ के भैया ने।
दही खालो मटकिया ने फोड़ो,
कहे पांडव कृष्ण मुरारी जी,
अब रखीयो लाज हमारी,
बेदर्दी ओ कान्हा कब तक तड़पाओगे।
Apne kanha ki sun lo shikayat,jo batane ke kabil nahi hai,
You must be logged in to post a comment.