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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Kyu khadi khadi tu hale re gora,क्यू खड़ी खड़ी तू हालै रे गौरा चाल कसुती चालै,shiv bhajan

क्यू खड़ी खड़ी तू हालै रे गौरा
चाल कसुती चालै।

क्यू खड़ी खड़ी तू हालै रे गौरा
चाल कसुती चालै।

आज कर के चोटी ढीली भोले
भंग मन्ने भी पिली
भंग मन्ने भी पिली
आज भंग मन्ने भी पिली
क्यू खड़ी खड़ी तू हालै रे गौरा
चाल कसुती चालै।

इसा रिस्क लिया ना करते
रै गौरा भंग पिया ना करते,
मन्नै ठा कुण्डी सोटा
मै पीउंगी भरकर लोटा
आज कर के चोटी ढीली भोले
भंग मन्ने भी पि ली
हे रै चाल कसुती चालै
आज तू खड़ी खड़ी क्यों हाले ।

क्यू खड़ी खड़ी तू हालै रे गौरा
चाल कसुती चालै।

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