ये कुञ्ज गली सँकरी सँकरी,
छुप गया कान्हाँ पकड़ी पकड़ी,
Tag: Ari me to odh chunariya jaungi kunjan me
मेरी मां की चुनरिया सितारों जड़ी। इसे हर पल निहारु घड़ी हर घड़ी।
कान्हा मेरे एकबार तो आ जाइयो,मधुवन की कुंज गलिन में।
दिन दिन मैली होय चुनरिया दिन दिन मैली होय।
आ जाओ अब तो गिरधारी,
रास रचाने कुंजन में,
अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में,
अरे मैं तो ओढ़ चुनरिया जाऊंगी कुंजन में।