चोरी माखन की दे छोड़ कन्हीया मैं समझाऊँ तोय,
Tag: Aao shyam ji kanhaiya nandlal ji
गोरी कलाई चूड़ा लाल बे,मेरी मां का चोला।
जिसकी नैया श्याम भरोसें,
डोल भले सकती है,
दिनों का पालन हारा दुखियों का एक सहारा। मेरा श्याम है
मेरे उठे जिगर मे पीर कन्हैया तेरी याद में,
कानूड़ा का दिल लूट ले गई गुजरी।
कन्हैया तेरी मेहरबानी रहे,
जब तलक ये मेरी जिंदगानी रहे,
लाल चोला सीदे दर्जी,
जब आवनगि दर पे सुनेगी अर्जी,
अगर श्यामा जु ना होती,
तो हम जैसो का क्या होता,
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है।
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