भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी।
Tag: dol bhale sakti hai
जिसकी नैया श्याम भरोसें,
डोल भले सकती है,
भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण में, बदल जाएगी जिंदगानी।
जिसकी नैया श्याम भरोसें,
डोल भले सकती है,