कब से खड़ी हूं थारे द्वार म्हारा खाटू वाला श्याम,
Tag: Aao re bhakto maiya ke dware
कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा,
जब जब खाटू वाले के भगतो पे विपदा आई,
सज धज के बैठी है माँ,
लागे सेठानी,
सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां
मैया का चेहरा सुहाना लगता है। लंगूर का तो दिल दीवाना लगता है।
वो कौन है जो भक्तों के बनाते काम है,
श्री राम के सेवक वीर बलि हनुमान है,
पीपल की छांव में, ठंडी हवाओं में, बैठी है मेरी मैया, सबकी निगाहों में।
सीता मैया ने करी है जीमनवार, पवन सुत हरे हरे,पवनसुत न्योत दिए।
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