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श्याम भजन लिरिक्स

Kabhi apne bhakt ke ghar par bhi sawariya darash dikha jana,कभी अपने भक्त के घर घर भी,सांवरिया दरश दिखा जाना,shyam bhajan

कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,

कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना,
कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना।

जीवन बगिया को सजाते हो,
फूलों सा तुम महकाते हो,
मेरे कोमल मन को चुराते हो,
फिर दूरी कैसी बनाते हो,
सुख दुख तेरी ही देन यहाँ,
मेरे मन के विकार मिटा जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना।

कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,

पलकें ये बिछाई ये राहों में,
तेरी झांकी सजाई हाथों से,
सोचा करताें मैं ख़्वाबों में,
आके बस जाओ सांसो में,
धड़कन से निकले नाम तेरा,
मुझको भी अपना बना जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना।

कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,

असुवन की धारा को बहने दो,
तेरे दिल को जरा पिघलने दो,
किस्मत को बनाने वाले हो,
किस्मत को आज संवरने दो,
राकेश चरणों का दास तेरा,
हर जन्म साथ निभा जाना,
प्रीतक चरणों का दास तेरा,
हर जन्म साथ निभा जाना,
मैं आता रहता दर तेरे,
कभी मेरे घर भी आ जाना।

कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,

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