अबकी मोहन जल्दी आओ प्रेम की एकादशी।
Tag: hare ka sahara
करके सोलह श्रृंगार, के भोला बन गये नर से नार
नमो नमो तुलसा महारानी ,
नमो नमो हर जी पटरानी ।
हे नारायण हे गोपाल, केशव माधव दीनदयाल।
जद भी पड़ी कोई दरकार,लीले चढ़ आयो सरकार,
राधे राधे बोल दुःख जाएगा,
सांवरे तेरा दर जन्नत की डगर, मुझे खाटू बुलाया तेरा शुक्रिया
हम दीवाने द्वार तुम्हारे,आये बाबा श्याम,
शरण तुम ले लो ना,
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन कर देख ज़रा
मुझे सांवरे के दर से कुछ ख़ास मिल गया है।
You must be logged in to post a comment.