मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना
कही और न उड़ ना जाये।
इससे खाटू धाम उड़ाई देना।
सावरिया तेरी हो जाये
डाल दे अपनी डोर जी
और किसी का न हो जाये
खींच दे अपनी और जी।
तेरा होगा बड़ा अहसान
की मंदिर तक पहूचाय देना।
मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना।
अपनी अंगुली से तू डोरी
रोज डोरी हिलाते रहना श्याम
तू अपने दरबार में इसको
रोज नचाते रहना श्याम।
तू भी झुक झुक करे ये प्रणाम
की इसको ये सिखाई देना
मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना।
रखना अपनी नज़र में बाबा
इधर उधर मुड़ जाये न
तेरी चौखट छोड़ के किसी से
पेंच कही लड़ जाये न।
ये दुनिया बड़ी बेईमान
की दुनिया से बचाय लेना,
मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना।
जब तक है जिंदगानी मेरी पतंग कही .
कट जाये न
तेरे हाथ से डोर न छूटे
ध्यम तेरा हट जाये न।
इस् पे तूं लिख दे तेरा नाम
ये किरपा तू बरसाई देना
मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना।
मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना
कही और न उड़ ना जाये
इसे खाटू धाम उड़ाई देना।