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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Teri jindagi do din ki,sah me lutawe kyo,तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों,nirgun bhajan

तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों

तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों।ये पूंजी जीवन की,सह में गुमावे क्यों।

ये हीरा जन्म अनमोला है,तुझे मिला मानुष का चोला है।कर भक्ति भगवन की,मन भटकावे क्यो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ये पूंजी जीवन की,सह में गुमावे क्यों।तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों।

फिर बात हाथ नही आयेगी।जब घड़ी निकल ही जाएगी।जब चोट लगे घन की,सह नहीं पावे तूं।ये पूंजी जीवन की,सह में गुमावे क्यों।🌺🌺🌺तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों।

लिया ढेर लगा धन माया का,ना धेला छूटे काया का।क्यों बात करे धन की,पाप कमावे क्यूं।🌺🌺ये पूंजी जीवन की,सह में गुमावे क्यों।तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों।

जो राम नाम गुण गाते हैं।वो चार पदारथ पाते हैं।ये वाणी किरसन की,मत ना भुलावे क्यों।🌺ये पूंजी जीवन की,सह में गुमावे क्यों।🌺🌺🌺तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों।

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