टाबरिया अरदास करे रे,
मत ना टारो जी,
आन संभालो जी सावर,
आन संभालो जी
Tag: Dadi odh le tabariya thari
जब जब देखु दादी तुमको आता है ये ख्याल क्यों,
अरी री मैं तो ओढ़ चुनरिया जाउंगी मेले में,
अरे मैं तो ओढ़ चुनरिया जाऊंगी कुंजन में।
दादी झुंझनू बुलाए मेरा मन हरसाएं, मां सबपर प्यार लुटाए,संदेशा आया है
मंगल पाठ दादी का जो रोज करोगे,
दादीजी या विनती म्हारी,सुनियो ध्यान लगाकर जी
बैठी हो मां सामने कर सोलह श्रृंगार
दादी ओढ़ ले टाबरिया थारी चुंदड़ ल्याया ये।