लाल ध्वजा तेरी लहराई जय हनुमत जय बलदाई।
Tag: Bholi dhali pyari dadi ma Thari dharam dhwaja
डोली चढ़ के दादीजी ससुराल चली
कठे सुं ल्याऊँ पांख कठे सुं ल्याऊँ घोड़ी,
तेरी मेरी करता सारों जनम गवांयो।
दादी थारो रूप मन भायो,जियो हर्सायो
एकबार आओ जी दादीजी पावना
सावन को महीनो, मन में उठे हिलोर।
दादी चुनरिया थारी चमचम चमके
मंगल गीत सुनाओ, बंदनवार बंधाओं।
ल्याया थारी चुंदड़ी करलयो मां स्वीकार
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