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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Tumko dadi chunari udhakar najar utaru me,तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में,dadi bhajan

तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में

तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में।तुम ही बतलादो ना क्या तुझपे वारूं में।

आज दरबार का क्या कहना है।आज सिंगार का क्या कहना है। खुश हुई तबीयत देख कर तुझको। जी करे देखते ही रहना है। 🌺🌺🌺तुझे छोड़ मैया नजरें अब किस पे डारु में।तुम ही बतलादो ना क्या तुझपे वारूं में।

तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में।तुम ही बतलादो ना क्या तुझपे वारूं में।

वार दूं हीरे मोती चांद तारे।वार दूं दुनियां के सारे नजारे।तुझको बतलाता हूं ये कुछ भी नहीं।तेरे आगे फीके हैं ये सारे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तूं जो कहे अपना सबकुछ तुझपे न्योछार दूं में।तुम ही बतलादो ना क्या तुझपे वारूं में।

तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में।तुम ही बतलादो ना क्या तुझपे वारूं में।

मेरे भी हाथों चुनड़ी चढ़ जाए।मान मेरा भी थोड़ा बढ़ जाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺शान से दुनियां को बतलाऊं में। खोटा सिक्का भी यहां पे चल जाए।कहे भगत अपनी किस्मत को रोज सवारु में।तुम ही बतलादो ना क्या तुझपे वारूं में।

तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में।तुम ही बतलादो ना क्या तुझपे वारूं में।

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