रोये जो श्याम का प्रेमी,
उसे श्याम ही धीर बँधाए,
Tag: Abki mohan jaldi aao prem ki ekadashi
तर्ज:- अब न छिपाऊँगा सबको बताऊंगा शबरी बिचारी है, प्रेम की मारी है,स्वागत में रघुबर के , सुद बुद्ध बिसारी है,लक्ष्मण सीताराम मेरे घर में पधारे ।। कबसे बैठी थी मैं आस लगाये, दो नैनन के दीप जलाये,रघुनंदन ने दर्श दिखाये, जन्म जन्म के सब सुख पाये,मेरी कुटिया के बड़े भाग सुहाने हैं, आज प्रभु […]
प्रेम की दीवानी राधा रानी हो गई
कैसी बजाई बांसुरिया रे मोहन कैसी बजाई बांसुरिया।
पाके प्रेम वाली झांजर पैरी मैं वृन्दावन नचदी फिरा,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है
बता दो मेरे गुरुजी महातम एकादशी।
मिलोगे मोहन तो बताएँगे तो बताएँगे,
तुम्ही सरकार हो मेरे ओ साँवरे ओ साँवरे,
मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।
मिल जाएं कृष्ण मुरार रे सखी ग्यारस कर लो।
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