मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।
मेरे बाबा मैंने यूं कह गए, भगवान जे भूखे रह गए।तो मरे भूखा जगत जहान,जीमावे बेटी जाट की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।
वह तो दूर देश में जाएंगे। और कई रोज में आवैंगे। तेरी हो जागी भूख वीरान, जीमावे बेटी जाट की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।
जानूं सूं तेरी बात ने,में तो माखन लैरी हाथ में।तेरी बालकपन की वाण,जीमावे बेटी जाट की।मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।
करमा ने डंडा ठा लिया,तूं साग विधुर घर खा लिया।भीलनी की करयो कल्याण,जीमावे बेटी जाट की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।
या तो वाणी कृष्ण लाल की।तुम माला रटो गोपाल की। तो प्रकट होवे भगवान,जीमावे बेटी जाट की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।