ओ मेरे गोपाल कन्हैया मोहन मुरली वाले,
Tag: Abki mohan jaldi aao prem ki ekadashi
कदम तले आय जइयो, कटीले काजर वारी,
अबकी मोहन जल्दी आओ प्रेम की एकादशी।
भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम
दिल की हर धड़कन से,तेरा नाम निकलता हैं।
ग्यारस के दिन जो जपता,राधे राधे नाम है।
वह तो अंदर से समझा रहा है हमें, हम समझना ना चाहे तो वह क्या करें
श्याम जी की पूजा करो रे ग्यारस ने।
ये तो प्रेम की बात है उधो, बंदगी तेरे बस की नहीं है।
कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयी हरि।