आंगन में तुलसी लगाना हमारी सखी।
Tag: Aanand chayo janak nagariya kaise sapari
आनंद छायो जनक नगरिया, कैसे सपरी।
राम लखन दोनों भैया, बिहाने सीता मैया, मुनि के संग आए हैं
मां के मंदिर में लगा दो टेलीफोन,
मैं मैया जी से बात करूंगी
राम जी से पूछे जनकपुर के नारी
जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने
नंद भवन में उड़ रही धूल,धूल मोहे प्यारी लगे।
हे नंदलाल गोपाल तुम्हारी, जग मे जय जयकार
नंद यशोदा की आंख का तारा, बिहारी मेरा रंग रसिया
सांची बता दे नंदलाला, रूप तेरा क्यों काला।
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