राम लखन दोनों भैया, बिहाने सीता मैया, मुनि के संग आए हैं
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सिया राम के मधुर मिलन से, फूल बगिया मुस्काये
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी, तीर्थ नही जाउंगी।
हरि का भजन करो,हरि है तुम्हारा
सखी री मैं तो बगिया में देख आई राम,