राम जी से पूछे जनकपुर के नारी। बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी।
इ बूढ़ा बाबा के पक्कल पक्कल दाढ़ी।
देखन में पातर खाये भर थारी।
बता दा बबुआ,लोगवा देत कहे गारी।
राजा दशरथ जी कइलन होशियारी।
एकता मरद पर, तीन तीन जो नारी।
बता दा बबुआ,लोगवा देत कहे गारी।
कहथिन सनेह लता मन में बिचारिन।
हम सब लगैछी पाहून,सरहज कोई सालीब।
बता दा बबुआ,लोगवा देत कहे गारी।
तोहरा से पुछु मैं औ धनुषधारी।
एक भाई गौर कहे एक कहे कारि।
बता दा बबुआ,लोगवा देत कहे गारी।
राम जी से पूछे जनकपुर के नारी। बता दा बबुआ लोगवा देत कहे गारी।