राधा बनी कमल की माल श्याम भँवरा सो बनो।
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हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान
मेरी अश्वन भीगे साड़ी
आ जाओ कृष्ण मुरारी
रोती हुयी आँखों को
मेरे श्याम हंसाते हैं
अपने भगत की आँख में,
आँसू देख ना पाएगा,
कभी रूठना ना मुझसे तूं श्याम सांवरे।
गर तूं चाहे जो सांवरा, मेरा काम हो जाये
सांवरे की महफिल को, सांवरा सजाता है।
आंखों के आंसु हर पल पुकारे,आजा हारे के सहारे