इक हमारे बांके बिहारी दूजे लख दातार,
हमारे दो ही रिश्तेदार,
Tag: Lakho tar gaye lakho ne tar jana
आओ स्वागत करें अंबे मां का,अंबे दौड़ी चली आ रही है।
चलो रे भक्तों मैया की नगरी,
सज धज के बैठी है माँ,
लागे मैया सेठानी।
आज घर में मैने कीर्तन कराया है मां,
लाखो तर गए, लाखों ने तर जाना मैया जी तेरा नाम जपके
चौदस के दिन इन आंखों से, उड़ गई निंदिया रानी।