Categories
निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Tere sir par gathadi paap ki,tere lagi bharam ki bhul,तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की,nirgun bhajan

तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।

तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।

भाई हरि भजन कर बावरे। लगा मनुष्य जन्म का दाव रे। काया का खिल रहा फूल,भक्ति कर भगवान की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।

तने धर्म-कर्म सब खो दिया। बिन बात का झगड़ा झो दिया। तेरी सारी रे बात फिजूल,भक्ति कर भगवान की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।

यह पांच विषय के भोग रे। हो भोग से पैदा रोग रे फिर अंत धूल में धूल, भक्ति कर भगवान की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।

तु माला रट गोपाल की, या तो बानी किरशन लाल कीघट घट में खोल स्कूल,भक्ति कर भगवान की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।

Leave a comment