श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।
गई यमुना के तीर,वहां भरने को नीर।वहां आ गए किशन कन्हैया।मेरी यमुना बह गई गागरीया।श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।
सुध बुध खो गई बावरी हो गई
कहा हो गई पाओ की पायलीया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।
कभी भागु इधर कभी भागु उधर
मैं तो भुल गई घर की डगरिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।
श्याम आजाओ ना अब तडपाओ ना
ऐसी तडपु मैं जल बिन मछरिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।
श्याम आये वहा बैठी राधा जहा
मिल के रास रचाए सावरिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।