उड़ चले रे हनुमान,
लिया राम जी का नाम,
Tag: Hanuman gagariya le aao mujhe jal bharne
श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।
बीती आधी रात हनुमान भी ना आए,
म्हारे मन में बस गई रे सुरतिया श्याम तेरी,
हनुमत डटे रहो आसन पर,
जब तक कथा राम की होय,
कंचन कांच का बणिया रे हनुमान,
चांदी की म्हारी दुर्गा माता।
जाओ मेरे हनुमान बूटी ले आओ।
जल भरने देवकी जाए शीश पर घर गगरी।।
मुझे चढ़ गया श्याम का रंग
भर दो झोली मेरी शेरोवाली,
लौट कर मै ना जाउंगी खाली।
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