तर्ज,रंग बिरंगे फूल खिले है मुझे भाए कोई रंग ना
मै तो तेरे संग चलूंगी थाम ले मोरी बैया,
हो जरा ठहर जा कन्हैया, ठहर जा,
ठहर जा कन्हैया।
ऐसी पायल पहना दे मेरे पांव में ,
देख टोके सहेली सारे गांव में
में अलबेली चाल चलूंगी देखे लोग लुगाइयां,
हो जरा ठेर जा कन्हैया
ठहर जा ठहर जा कन्हैया
मै तो तेरे संग चलूंगी थाम ले मोरी बैया
हो जरा ठहर जा कन्हैया ठहर जा ठहर जा कन्हैया।
हम तो बैठेंगे यमुना किनारे
भेद खोलेंगे दिल के ये सारे
श्याम प्यारे की बाजे बांसुरिया
दौड़ी आएंगी गोपी गुजरिया
हम तो दोनों रास रचाए हो,बैठ कदम की छैया।
जरा ठहर जा कन्हैया
ठहर जा ठहर जा कन्हैया
मै तो तेरे संग चलूंगी थाम ले मोरी बैया
हो जरा ठहर जा कन्हैया ठहर जा ठहर जा कन्हैया।