तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।
Tag: bega padharo mhara satguru
मेरे सदगुरु दीन दयाल काग को हंस बनाते हैं।
नख पर धारि लियो गिरिराज,
नाम गिरधारी पायो है।
सतगुरु मिलिया पागी ,
अब मारी सुरता भजन मे लागी।
मेरा सतगुरु भया रंगरेज ,
चूनर मारी रंग डाली।
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला
हारा हू बाबा पर तुझपे भरोसा है,
बार बार वंदना, हजार बार वंदना,
गुरुदेव करे सो होय रे मनवा ,
अब कई सोच करे रे।
चौरासी की नींद में, म्हारां सतगुरु आके जगा रे दिया,
You must be logged in to post a comment.