चौरासी की नींद में, म्हारां सतगुरु आके जगा रे दिया,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
चौरासी की नींद में, म्हारा सतगुरू आके जगा रे दियां,
चौरासी की नींद में,
मोती था एक सीप में, सीप समंद (समुद्र ) में डाल दिया,
मोति था एक सीप में, सीप समंद दें डाल दिया,
धिन जौहरी गुरू देवजी, धिन जौहरी गुरू देवजी,मुझे धन के पल्ले दबा रे दिया,
चौरासी की नींद मे, म्हारां सतगुरु आके जगा रे दिया,
चौरासी की नींद में,
पता नहीं मै कौन था, आया कहाँ से क्या पता,
पता नहीं मै कौन था, आया कहाँ से क्या पता,
मेहर भई गुरू देव की, मेहर भयी गुरू देव की,
मुझे काग से हँसा बना रे दिया,🌺🌺🌺🌺
चौरासी की नींद में , म्हारा सतगुरू आके जगा दियां,
चौरासी की नींद मेँ,
अंत समय की भूल थी, भूल मे वस्तु अनमोल थी,
अंंत समय की भुल थी, भूल मे वस्तू अनमोल थी,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कर किरपा गुरू देव नें, कर किरपा गुरू देव ने,
मुझे अमृत जाम पिला रे दिया,
चौरासी की नींद मे, म्हारां सतगुरु आके जगा रे दियां,
चौरासी की नींद में,