खाटू में मची धमाल फागुन आयो रे,
Tag: baba shyam ke darwar machi re hori
जाना जब भी श्याम दरबार,
शुकर हर बार करना,
फागुन की रुत ऐसी आई है खाटू में मस्ती छाई है
श्याम को दरबार यो तो,
दीना को ठिकानो है,
आज हम नाचेंगे राधे के दरबार,
बाबा हो बाबा,तेरे सिवा नहीं कोई हमारा।
बाली उमरिया मोरी
कान्हा मोसे खेलो न होली
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै,
आ गया तेरे दर पे बाबा अब ना खाली जाऊँगा
राम के दरबार में जो आ गया।जिसने जो मांगा वो सबकुछ पा गया।
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