मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
Tag: Aangan me tulsi lagana hamari sakhi
सखी वृंदावन का चोर मेरे घर में आया,
चलो री सखी आज मिलेगे भगवान
तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।
मैया के द्वारे बड़ी भीड़ रे कैसे लीपूं अंगनवा।
गली-गली मत उगे तुलसा, कोई नहीं सीचन आवेगा
आंगन में तुलसी तुलसी की पूजा
मेरे अंगना में आना मैया झूम झूम के,
चाल सखी सत्संग में चाला ,
सत्संग मे सतगूरू आसी।
दरवाजे आया कौन सखी यह तो बता दो।
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