तर्ज, जिए तो जिए कैसे
आंगन में तुलसी तुलसी की पूजा
आंगन में तुलसी तुलसी की पूजा
करू मैं बौरिया पिया जो को लगे
हमारी उमरिया
आंगन में तुलसी तुलसी की पूजा।
बस गए साजन मोरे अंग अंग में
रंग लिया तन मन उनके ही रंग में
सपनो का सेवन लाया है जैसे
सुख की बदरिया
पिया जी को लगे हमारी उमरिया
आंगन में तुलसी तुलसी की पूजा।
घरवा लगाके पल पल झुमु
कभी मुख देखु कभी मुख चुमू
पलने में झूमे नन्हा सा ललना
पलने में झूमे नन्हा सा ललना
लगे न नजरिया
पिया जी को लगे हमारी उमरिया
आंगन में तुलसी तुलसी की पूजा।
पि की हसी में देखा सवेरा
चरणो में पी के स्वर्ग है मेरे
छूटे ये दुनिआ
मुझसे न छूटे पि की नगरिया
पिया जी को लगे हमारी उमरिया
आंगन में तुलसी तुलसी की पूजा।