जिनके मन में बसे श्री राम जी उनकी रक्षा करें हनुमान जी।
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चंदा भी देख शरमाया, कान्हा जी तुम्हे किसने सजाया।
अनमोल तेरा जीवन बातों में व्यर्थ खोया।
चीर के छाती बोले अपनी पवन पुत्र हनुमान,
तुम्हें कैसे मनाऊं हनुमत में। आ जाओ तुम कीर्तन में।
पूजा करो हनूमान की, बोलो राम राम जी।
राम राम राम जी के दूत हनुमान जी।
मेरा जीवन धन हनुमान शरणों थारो लियो।
चरणों में बैठे हनुमान ओ राम जी के मंदिर में,
छीन लिया मेरा भोला सा मन मेरो राधारमण मेरो राधारमण।
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