खोलो हृदय के ताले माँ लक्ष्मी मेरा भाग लिख दो।
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अबकी मोहन जल्दी आओ प्रेम की एकादशी।
श्याम मुझे छोटी सी गीता मंगवा दो,
करके सोलह श्रृंगार, के भोला बन गये नर से नार
सांवरे की महफिल लगे खाटू में,
ग्यारस पे खाटू में आकर तो देखो,
झुलनी पे सेठ सांवरो झुलवा ने जावे सा,
बज गए ढोल नगाड़े,होय क्या बात हो गई।
नमो नमो तुलसा महारानी ,
नमो नमो हर जी पटरानी ।
हे नारायण हे गोपाल, केशव माधव दीनदयाल।
जद भी पड़ी कोई दरकार,लीले चढ़ आयो सरकार,
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