करस्यां सिंधारा थारा मावड़ी
Tag: chunar to odh mhari dadi
सिर पे मां सोहे चुनरिया लाल, हाथों की मेहंदी लगती कमाल।
दादी ओढ़ ले टाबरिया थारी चुंदड़ ल्याया ये।
गल मोत्यां को हार,सिर चुनड़ चमकदार
जद जद मां रोली घोलूं,मेरे मन में यो आवे
गिनती कोन्या देहली ऊपर, कितना सथीया रोज मंडे।
दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी
थाने चुनरी महे टाबरिया उढाने आया
ओढ़ चुनरिया लाल,बैठी है दादी सज धज के।
ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज,भगत थारी चुनर ल्याया ये।
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