तर्ज,अपने पिया की में तो बनी रे दुल्हनिया
दादी चुनरिया थारी, चम चम चमके। चांदी को छत्तर थारे, ऊपर लटके। दादी चम चम चमके।
सोनी सोनी चुंदड़ी थारे,तन पे सुहावे है।भोली भाली सूरत मेरे,मनडे ने भावे है। 🌹🌹🌹माथे पर बिंदिया काना कुंडल लटके।दादी चम चम चमके।
सोने का मुकुट गले, मोतियों की माल है। हाथों लाल चुडलो थारे, सुंदर श्रृंगार है।🌹🌹🌹 पांव में पैजनियां छम छम छमके।दादी चम चम चमके।
तीनो लोक में मां तेरी, महिमा अपार है। भगतारा बेड़ा मां, लगावे तूं पार है।🌹🌹🌹 कष्ट निवारे आवे सिंह चढके।दादी चम चम चमके।
तेरी महिमा सुन के मैं भी, द्वारे तेरे आया हूं। खाली झोली खड़ा पसारे, सच्चा ध्यान लगाया हूं ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹पलक उघाड़ तेरा सेवक भटके।दादी चम चम चमके।
हाथों में है मेहंदी थारे नाकॉ मोती साजे है। ढोल नगाड़ा मैया, तेरे द्वार पे बाजे है।🌹🌹 रतन सिंहासन बैठी देखो डट डटके।दादी चम चम चमके।