मंगल की सेवा सुन मेरी देवा
हाथ जोड तेरे द्वार खडे
Tag: Mangal ki sewa sun meri deva
तेरे दर का बनू सेवादार,
हे गजानन दो चरणों का प्यार।
ठाकुर जी तेरी सेवा हमसे ना बनी रे
हमारो मन राधा ले गई रे,
एक बार चली आओ,
मेरे द्वार चली आओ
मंदिर में उड़े रे ग़ुलाल,
गुलाबी रंग प्यारा लगे
सेवा पूजा कर नहीं पाया, हुं किस्मत का मारा
अमूवा की डाली लाई,बगिया से तोड़के
मंगल गीत सुनाओ, बंदनवार बंधाओं।