भगती रा मारग झीणा, रे संतों,भगती रा मारग झीणा।
Tag: bhakti me kho jaye bholenath ki
बाबो अमलीड़ो बाबो अमलीड़ो,
भक्ता ने लागे बालो,
मेरी छोड़ दे चुनरिया भोलेनाथ सवेरे बूटी लेकर आऊंगी
भगति रा मारग दूजा रे संतो ,
भगति रा मारग दूजा।
बनवा दे भोले सोने की एक अटरिया,
तेरा जादू न चलेगा मेरे भोले
काहे मारे मेरी गलियों के फेरे।
जे तेरा हो भगती में ध्यान,
कर्म ते हटिये मत ना।।
शिव शंकर भोले नाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे।
चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा,
मेरा नमन करो स्वीकार, हे भोले हे शिव शंकर त्रिपुरारी।
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