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Bhagati ra marag jhina re Santo,भगती रा मारग झीणा, रे संतों,भगती रा मारग झीणा,

भगती रा मारग झीणा, रे संतों,भगती रा मारग झीणा।

भगती रा मारग झीणा, रे संतों,भगती रा मारग झीणा।
थोड़ो समझ नी, थोड़ो समझ नी,थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

एक नर बामण, दोय नर बामण,बामण घणां घणां हुवा।
वेद पुराण री खबर नी जाणी,टिपनो बांच बांच मुवा।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा,

एक नर बाणिया, दोय नर बाणिया,बाणिया घणा घणा हुआ।
पारस नाथ री खबर नी जानी,मुंडो बांध मद मुआ।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

अरे एक नर मुस्लिम दोय नर मुस्लिम,मुस्लिम घणा घणा हुआ।
अल्लाह खुदा री खबर नी जानी,गोडा रगड़ ने मुआ।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

एक नर नाई दोय नर नाई,नाई घणा घणा हुआ।
सेन भगत री खबर नी जानी,माथो रगड़ ने मुआ।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

एक नर माळी दोय नर माळी,माळी घणा घणा हुआ।
संत लिखमोजी री खबर नी जानी,कांदा रोप रोप मुआ।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

एक नर दरजी दोय नर दरजी,दरजी घणा घणा हुआ।
छिपा पीपा री खबर नी जानी,कपडो काट काट मुआ।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

एक नर रेगर दोय नर रेगर,रेगर घणा घणा हुआ।
रविदासजी री खबर नी जानी,खालडा बेच बेच मुआ।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

केवे दास सुनो भई संतो , साचा संत वे हुव।
हरि नाम री डोरी पकडी , आवागमन नही हुआ।
कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।
थोड़ी समझ पकड़, मन सुआ,कबीर केवे भगती रा मारग झीणा।

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