हरी हरी भांग का मजा लीजिये,
सावन में शिव की बूटी पिया कीजिये,
Tag: Bhole ghot ghot ke bhangiya teri
मने भांग घोट के पीला गोरा मैं होजा पावर फुल,
ये भांग ना घोटी जाए रे भोले क़मर टूट गईं हाए रे,
मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।
आज म्हारे भोले बाबा,
भांग घणी पीदी ओ,
मेरा नमन करो स्वीकार, हे भोले हे शिव शंकर त्रिपुरारी।
ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।
Bhole baba se milna aasan nahi,thoda kasht uthana padta hai,