हम भटक रहे मारे मारे, दुख दर्द मुसीबत के हारे
Tag: Bhatak bhatak kar sare jag me aaya dwar pe tere
जग घूमेया श्याम जैसा ना कोई,
भटक भटक कर सारे जग में,
आया द्वार पे तेरे,
हम भटक रहे मारे मारे, दुख दर्द मुसीबत के हारे
जग घूमेया श्याम जैसा ना कोई,
भटक भटक कर सारे जग में,
आया द्वार पे तेरे,