जद भी पड़ी कोई दरकार,लीले चढ़ आयो सरकार,
Tag: bajre ki roti khale shyam
चक्र चलाया था,श्याम तेरी उंगली ने
क्यों घबराऊं में मेरा तो श्याम से नाता है
मोर छड़ी थारे हाथा में, हीरो चमके माथा में।
खाटू वाला श्याम धनी से, हेत पुराना स
कितना प्यारा है सिंगार, तेरी लेऊं नजर उतार।
हम तो आए शरण में तुम्हारी,लाज हाथों में तेरे हमारी।
ऐसी मस्ती कहां मिलेगी, श्याम नाम रस पीले।
मरेगी किस्मत से,नाम तेरो कर ज्यागी
बाजरे की रोटी खाले श्याम,की चूरमा ने भूल जावेगो
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