जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का।
Tag: babo mare helo
खीर जलेबी दाल चुरमो खावे डट के।
क्यों घबराऊं में मेरा तो श्याम से नाता है
डाकिया लिख दे परवानो, म्हारे श्याम ने।
आयो फागण मेलो, बाबो मारे हेलो।
जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का।
खीर जलेबी दाल चुरमो खावे डट के।
क्यों घबराऊं में मेरा तो श्याम से नाता है
डाकिया लिख दे परवानो, म्हारे श्याम ने।
आयो फागण मेलो, बाबो मारे हेलो।