तर्ज,धमाल
हो हो कितना प्यारा है सिंगार, तेरी लेऊं नजर उतार। लेऊं नजर उतार श्याम तेरी, लेऊं नजर उतार।कितना प्यारा है
सांवरिया तुमको, किसने सजाया है। तुझे सुंदर से सुंदर, गजरा पहराया है।🌹🌹🌹🌹🌹 केसर चंदन तिलक लगाकर, सज धज करके बैठा है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 लग गए तेरे चार चांद, जो पहने तूने हार।कितना प्यारा है।
सांवरिया तेरा, चेहरा चमकता है। तेरा उत्सव बहुत बड़ा, दरबार महकता है।🌹🌹🌹🌹 किसी भगत से कहकर बाबा, काली टिक्की लगवा ले।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 या फिर तुम बोले तो, देऊं लूंन राई वार।कितना प्यारा है।
सांवरिया तेरे, भक्तों को तेरी फिकर। कहीं लग ना जाए तुझे, दुनिया की बुरी नजर।🌹🌹🌹 पता नहीं तू किस रंग का है, आज तलक नहीं जान सका।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 बनवारी हमने देखे हैं, तेरे रंग हजार।कितना प्यारा है।
सांवरिया थोड़ा, बच बच के रहना जी। कभी मान लेओ बाबा, भक्तों का कहना भी।🌹🌹 कितना प्यारा है सिंगार, तेरी लेऊं नजर उतार।कितना प्यारा है।